वायुमण्डल क्या है ?

vayumandal

पृथ्वी के चारोओर आवरण को वायुमण्डल कहते है। वातावरण में गंधहीन रंगहीन एवं स्वाधीन पारदर्शी गैसों का मिश्रण है ।  जो कई सौ किमी  मोटा है । यह सौर विकिरण के लघु तरंगो के लिए पारदर्शी है ।लेकिन पार्थिक विकिरण की तरंगो के लिए अपारदर्शी है । पृथ्वी पर जीवन योग्य औसत तापमान  बनाये रखती है । वायुमण्डल पृथ्वी के  लिए सुरक्षा कवच का कार्य करता है। वायुमण्डल पूर्व कैम्ब्रियन युग में विकसित हुआ ।आगे वायुमण्डल का संगटन  के  अध्ययन करेंगे ।

वायुमण्डल का संगटन क्या है?

वायुमण्डल का संगटन क्या है?  वातावरण अनेक गैसों का यांत्रिक सम्मिश्रण है । इनके में  संगटन अनेक गैसों का योगदान है ।  इसके अतिरिक्त गैसों, जलवाष्प एवं धूलकणों से बना है । इनमे धूलकण सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होता है ।  इसके उपस्थिति के कारण  आकाश में अनेक घटनाये होती है । सूर्य के किरणों का प्रकीर्णन इन्ही कणो के द्वारा होता है । जिससे आकाश का नीला रंग एवं नयनाभिराम रंग सम्भव होता है । पृथ्वी से वायुमण्डल गुरुत्वकर्षण के कारण पृथक नहीं होता है । वातावरण में केवल 8.9 किमी तक जीवन सम्भव है । ऊपर जाने पर वायु दाब कम हो जाता है ।

वायु में नाइट्रोजन  सर्वप्रमुख है । उसके  बाद  आक्सीजन जीवन दैनीय  है ।

 – आकाश का संघटन –

गैसों –                                           मात्रा (  प्रतिशत में ) 

(A )  भारी गैसे    —————

1- नाइट्रोजन ( N2) –                        78. 03

2- आक्सीजन (O2)-                         20.99

3- आर्गन (A r)-                              0.9323

4- कार्बन  डाइआक्साइड (Co2) –    0.03

5- हाइड्रोजन H2)-                           0.01

(B) हल्के गैसे——————-

6- नियोन(Ne)-                                0.0018

7 -हीलियम (He)-                             0.0005

8 -क्रिप्टोन (Kr)-                                0.0001

9 जेनॉन (Xe)-                                  0.00005

10- ओजोन –                                  0.000001

जलवाष्प – वायुमण्डल में इसकी मात्रा तापाधारित होती है। यह 0-4% पायी जाती है। गर्म- आर्द्र उष्ण कटिबंध में हवा का आयतन 4%  होता  है । ध्रुवो  जैसे ठन्डे  एवं रेगिस्तान  में 1% गर्म  कम  होता है ।

धूलकण – ये कण प्रायः वायुमण्डल के निचले भाग  में पाए जाते है । सबसे अधिक जमाव उपोष्ण एवं शीतोष्ण में सूखे हवा के कारण होता है।  धूल एवं नमक के कण आर्द्रताग्राही केंद्र की तरह कार्य करते है । इसी कारण वर्षा कोहरा धुंध का कारण होता है ।

वायुमण्डल का स्तरीकरण :-

वातावरण में अलग -अलग घनत्व एवं तापमान के आधार पर पांच निम्न संस्तरों में विभक्त किया है।

(1)  क्षोभमण्डल (Tropodphere ):- यह वायुमण्डल का सबसे नीचे का संस्तर  है । इसकी         उचाई  सतह से 13 किमी है । इस संस्तर में धूलकण एवं जलवाष्प  होते है ।  सभी मौसमी परिवर्तन इसी भाग में होते है । इस मण्डल में प्रत्येक  165 मीटर की ऊचाई पर  तापमान  1 डिग्री से 0कम होता है । इसमें विकिरण संचालन एवं संवहन  होता है । इसे संवहनीय मण्डल कहते है ।

क्षोभसीमा-  यह क्षोभमण्डल और समतापमंडल को अलग करते है ।    इसकी निचली सिमा पर जेट पवनें चलती  है ।

(2) समतापमण्डल (Straosphere ):-  क्षोभमण्डल से ऊपर 50 किमी की उचाई  तक समतापमण्डल है। इसमें ओजोन परत द्वारा पैरावैगनी किरणों का अवशोषण  होता है।  वायुयान हेतु यह उत्तम मण्डल है ।  इस मण्डल की बाहःसीमा को  समताप सीमा कहते है। जहां तापमान 0 डिग्री से, होता है ।

ओजोन मण्डल – धरातल से  15 किमी से 35 किमी  के मध्य होती है ।  इस संस्तर में ओजोन गैस की प्रधानता होती है । जो सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों कोअवशोषित करती है । जिससे UV  किरणों से पृथ्वी के जैव- जगत की रक्षा होती है । रेफ्रिजरेशन में प्रयुक्त क्लोरोफ्लोरो कार्बन एवं नाइट्स आक्साइड के कारण इस परत का विनाश होता रहता है ।

वायुमण्डल काअगले स्तरीकरण :-

(3) मध्यमण्डल(Mesosphere)- 50 से 80 किमी की ऊंचाई वाला वातावरण भाग को मध्यमण्डल कहा जाता है । जिसमे ऊचाई पर तापमान का ह्रास होता जाता है ।50 किमी पर तापमान की वृद्धि समाप्त हो जाती है । 80 किमी की ऊचाई पर तापमान 100 से0 ग्रे0  हो जाती है । इस न्यनतम तापमान की सीमा को मेसोपास कहते है ।

(4) आयनमण्डल (Ionosphere) – वातवरण में धरातल से 80 से 640 किमी की ऊचाई तक  है। इस  मण्डल में तापमान में वृद्धि होती है । इस  भाग में  विद्युतीय एवं चुंबकीय घटनाये घटित होती रहती है । ब्रहाण्ड किरणों का परिलक्षण होता है । इसी मण्डल के कारण रेडियो एवं टेलीविजन  के कार्यक्रम सुलभ हो जाते है । ब्रहाण्ड किरणों  के कारण उत्तरी  -दक्षिणी ध्रुवो पर  रात्रि में  प्रकाश  दिखाई देता है । इस मण्डल में कई परते  है । 

  1-D-Layer- सबसे निचली परत है ।

2-E-Layer- इस परत से रेडियो की मधय तरंग परावर्तन होता  है ।    

3-F-Layer- इस परत का ऊपरी संस्तर एफलितन परत  भी कहते है । 

G-Layer – इसमें रेडियो तरंग परावर्तित होती  है । 

  (5)  बाह्रा मण्डल (Exosphere ) – आयन मण्डल के ऊपर आकाश का सबसे ऊपरी परत को बाह्रा मण्डल कहते है । इसकी ऊचाई 640 से 1000 किमी है । इसमें हाइट्रोजन एवं हीलियम की प्रधानता है । इस मण्डल के ऊपर चुंबक मण्डल है । इसके ऊपर अंतरिक्ष में विलीन  होता है । इस  भाग में  विद्युतीय एवं चुंबकीय घटनाये घटित होती रहती है ।              

वायुमण्डल का रासायनिक संगठन :-

रासायनिक संगठन के आधार पर दो भागो में विभक्त है ।

1- सम मण्डल

2- विषम मण्डल

1- सम मण्डल (  homosphere  ): – इसकी रचना आक्सीजन एवं नाइट्रोजन से हुई है । अन्य तत्वों मेंआर्गन, कार्बनडाईआक्साइड, नियोन , हीलियम , क्रिप्टन, हाइट्रोजन से हुई है । इसकी  ऊचाई सागर तल से 90 किमी है तापमान के आधार पर 3 उपमण्डल पाये जाते है ।

1  -क्षोभमंडल

2 -समतापमंडल

3-   मध्य मण्डल

2  विषम मण्डल (heterosphere ) –   इस मण्डल के वातावरण की विभिन्नता के कारण ऐसे विषम मण्डल कहते है । इस मण्डल की ऊचाई 90 किमी  से 1000 किमी तक है । इसमें गैस की विभिन्न चार परते पायी जाती है ।

1-  आणविक नाइट्रोजन परत 

2- आणविक आक्सीजन परत 

3 -हीलियम परत 

4 -आणविक  हाइट्रोजन परत 

वायुमंडल का महत्त्व:-

भूतल पर सभी प्राकृतक एवं सांस्कृतिक संरचनाये वातावरण की ही देन है । सुदूर संवेदन तकनीक, रॉकेट उपग्रह आदि इस क्षेत्र में सहायक रहे है । मानव द्वारा वन विनाश एवं पर्यावरण प्रदूषण में वृदि के कारण प्राकृत का संतुलन विगड़ गया है ।      जिसके कारण ग्रीन हाउस प्रभाव ग्लोबल वार्मिग की समस्या उभर गयी है । तथा ओजोन परत का विनाश होने की संभावना बढ़ गयी है । जिससे  प्राकृतिक असंतुलन बढ़ गया है ।

निष्कर्ष :- वायुमण्डल क्या है ?वायुमण्डल का संगटन के अध्ययन से ज्ञात हुआ है ।वायु मानव सहित समस्त जैविक मण्डल का  आधार है ।
Permalink: https://absuccessstudy.com/वायुमण्डल-क्या-है/ ‎

https://en.wikipedia.org/wiki/Atmosphere

 

 


7 Comments

News · 07/05/2023 at 02:20

Thank you for sharing your info. I really appreciate your efforts and I am waiting for your next post thanks once again.

Italy online casino · 08/05/2023 at 21:51

Asking questions are actually fastidious thing if you are not understanding
anything fully, however this paragraph provides pleasant understanding even.

online gaming Sites · 09/05/2023 at 11:11

It’s awesome to go to see this web page and reading the views
of all friends regarding this paragraph, while I am also eager of getting know-how.

online gambling sites · 11/05/2023 at 10:03

Hey there, I think your site might be having browser
compatibility issues. When I look at your blog in Safari, it looks fine but when opening in Internet Explorer,
it has some overlapping. I just wanted to give you a quick heads up!
Other then that, terrific blog!

south african sports betting sites · 13/05/2023 at 15:54

Hi there! This article could not be written any better!
Looking at this article reminds me of my previous roommate!
He constantly kept talking about this. I’ll send this information to him.

Fairly certain he’s going to have a great read. Thanks for sharing!

soccer betting sites · 28/06/2023 at 22:19

I every time used to read paragraph in news papers but now as I am a user of
net so from now I am using net for articles, thanks to web.

online casinos in italy · 21/07/2023 at 20:55

Hi there would you mind letting me know which web host you’re
using? I’ve loaded your blog in 3 different internet browsers and I must say this blog loads a lot faster then most.
Can you recommend a good hosting provider at a reasonable price?
Cheers, I appreciate it!

  • Leave a Reply

    Avatar placeholder

    Your email address will not be published. Required fields are marked *