दोस्तों आप सभी  का  Absuccessstudy में स्वागत है। आज आपको इस आर्टिकल में मौसम के बारे में पूरी जानकारी दूगा।   मौसम क्या है , भारत में मौसम के प्रकार के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है । इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के  बाद  मौसम का वारे में पूर्ण जानकारी हो जायेगी ।

किसी क्षेत्र पर ऋतु की उत्पत्ति उन प्रति -क्रियाओ से होते है । जिससे अचानक आधी ,तूफान, वर्षा, गर्मी एवं जाड़ा आदि आते है । जो मानव  के जीवन को पूर्णरूप से प्रभावित करते है । यह परिवर्तन तापमान दाब, घनत्व , आयतन एवं हवाये  पर निर्भर है । स्वयं मौसम दिन – प्रतिदिन परिवर्तन होता रहता है ।  जो अल्पकालीन बदलाव होता है । दीर्घ कालीन मौसम परिवर्तन को जलवायु कहते है ।

-:Table  of   contents :-

1-  मौसम क्या है ?

2- भारत में मौसम के प्रकार

2.1- उत्तरी पूर्वी मानसून का मौसम

2,2- दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम

3- भारत में मौसम के अनुरूप वर्षा का वितरण

4- क्षेत्र के अनरूप मानसून आगमन की तिथि

5-   निष्कर्ष

1-  मौसम क्या है ?

मौसम क्या है ?

अब मै आप सभी को मौसम क्या है ? के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा। जिससे  विभिन्न परीक्षाओं में प्रश्न अवश्य पूछे जाते है । जो बहुत उपयोगी है । मानसून अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ मौसम है । किसी स्थल की अल्पकालिक वायुमण्डली दशाओं एवं क्रियाशीलता के योग को मौसम कहते है । मौसम का आशय है प्रतिदिन वायुमण्डलीय दशाओं  का संयुक्त प्रभाव । तापमान ,वायुदाब ,आर्द्रता ,मेघ वर्षा एवं हवाएं का अल्पकालिक प्रभाव पड़ता है ।

हिन्द – महासागर में चलने वाली पवनो को मानसून कहते है। वह हवाएं प्रत्येक छह माह में अपनी दिशा पूर्ण परिवर्तन कर लेती  है। ये छः माह तक सागर  से स्थल की ओर तथा छः माह तक  स्थल से सागर  की ओर चलती रहती है । मौसम के परिवर्तन का मूल कारण जल एवं स्थल का पारस्परिक सम्बन्ध है । जब उच्च – तापमान के कारण निम्नदाब  केंद्र स्थापित हो जाता है । निम्नदाब क्षेत्र को भरने के लिये उच्चदाब से हवाएं आ कर भरती है । ये हवाएं फेरल के नियम के अनुसार चलती है । तब मौसम परिवर्तन होते है ।

भारत में मौसम को प्रभावित करने वाले तत्व निम्न है ।

(1) विस्तार एवं कर्क रेखा की स्थिति

(2) विशाल क्षेत्रफल

(3) हिमालय की स्थिति

(4) हिन्द महासागर की स्थिति

(5) पवनो की दिशा

2- भारत में मौसम के प्रकार:-

अभी जस्ट मौसम क्या है? के विषय में जानकारी दी गयी है । आगे भारत में मौसम के प्रकार के बारे में जानकारी दी जायेगी । सूर्य के आभासी  संचरण के कारण मौसम परिवर्तन होते है। इसे ही मानसून कहते है ।भारत में एक साल को निम्न मौसम में विभाजित किया जाता है ।

2.2- उत्तरी पूर्वी मानसून का मौसम 

1- शीत ऋतु

2- ग्रीष्म ऋतु

2.3- दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम 

1- वर्षा ऋतु

2- मानसून वापसी का मौसम

2.1- उत्तरी पूर्वी मानसून का मौसम:-

उत्तरी पूर्वी मानसून का मौसम के विषय में विस्तार से जानकारी दी जायेगी। स्थल से सागर की ओर बहने  वाली हवाएं को  उत्तरी पूर्वी मानसून कहते है । चुकि  ये  हवाएं  शुष्क स्थली भाग से आती है, इनसे कभी वर्षा नहीं होती है । जब  ये हवाएं बंगाल की खाड़ी को पार करती  है , तब नमी ग्रहण  कर लेती  है ।और इनकी  दिशा परिवर्त होकर उत्तर पूर्व की ओर हो जाती है । ये हवाएं पूर्वी घाट की पहाड़ियों से टकराकर वर्षा करती है । ऐसी कारण तमिलनाडु में जाड़ों  में  वर्षा होती है ।

1- शीत ऋतु – भारत में शीत ऋतू नवम्बर से फरवरी तक होते है । उत्तर भारत में इस मौसम में अधिक ठंड एवं शीत लहर चलती है । तथा  पहाड़ी क्षेत्रो में हिमपात होता है । उत्तर  भारत में उच्च वायुदाब तथा हिंदमहासागर में निम्न वायुदाब पाया जाता है । इस समय हवाएं स्थल से सागर की ओर चलती  है । ऐसी कारण  तमिलनाडु , पंजाब हरियाणा राजस्थान कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में वर्षा होती है ।

2-ग्रीष्म ऋतु- इंडिया में ग्रीष्म ऋतु मार्च से जून के मध्य होता है । इस समय सूर्य की किरणे लम्बवत भारत पर पड़ने के कारण तापमान बढ़ जाता है । तथा समस्त उत्तरी पश्चिमी भाग में न्यून वायुदाब के कारण धूल भरी आधी एवं लू चला करती है । इस समय उत्तर भारत में तापमान 45° सेंटी ग्रेट तथा राजस्थान में 50°एवं दक्षिण भारत में 30° सेंटी ग्रेट तक  होते है ।उत्तर भारत में तेज आधी के साथ कभी – कभी हल्की वर्षा होती है। और इस हवाएं को असम एवं पश्चिमी बंगाल में  काल बैशाखी कहते है।  दक्षिण भारत में इस समय उष्ण चक्रवात की उत्तपत्ति होती है । ये चक्रवात दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रो में वर्षा प्रदान करते है ।

2.2- दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम:-

दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम के विषय में विस्तार से जानकारी दी जायेगी। सागर से स्थल की ओर बहने  वाली हवाएं को दक्षिण पश्चिम मानसून कहते है ।  इन हवाएं के कारण भारत में  वर्षा होती है ।

1- वर्षा ऋतु

2- मानसून वापसी का मौसम

1- वर्षा ऋतु-  यह ऋतु जुलाई से अक्टूबर तक होता है । भारत में मानसून का आगमन 10 जून के लगभग होता है । मानसून के प्रथम आगमन को मानसून फुट पड़ना या विस्फोट कहते है । भारत में  इन्ही हवाओं से 80% वर्षा होती है । ग्रीष्मकालीन  मानसून जब भारत में प्रवेश करती है, तो पूर्वी दक्षिण प्रायद्वीप के कारण दो भागो में बट जाती है । जो निम्नलिखित है ।

(a) अरब सागर की शाखा

(b) बंगाल की खाड़ी की शाखा

(a) अरब सागर की शाखा – वह मानसून जो अरब सागर में होकर भारत में प्रवेश करती है , उसे अरब सागर की शाखा  कहते है । यह मानसून पश्चिम पहाड़ियों से टकरा कर 250 सेंटीमीटर  वर्षा करती है । बालेश्वर में 250 सेंटीमीटर  वर्षा करती है ।

इन हवाएं की दूसरी शाखा नर्मदा ताप्ती की घाटियों से होकर नागपुर में अधिक वर्षा करती है ।

एक तीसरी शाखा  कच्छ एवं   गुजरात होते हुए, थार मरुस्थल में प्रवेश करती है । जो अरावली पर्वत के समानान्तर चलती है । जिसके कारण  राजस्थान पंजाब हरियाणा एवं कच्छ के रन में बहुत कम वर्षा होती है ।

(b) बंगाल की खाड़ी की शाखा-

जो मानसून बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करती है , उसे बंगाल की खाड़ी की शाखा कहते है । वह पूर्व में वर्मा की पहाड़ियों , गारो खासी जयंतिया से टकरा कर घनघोर वर्षा करती है । इससे मेघालय में स्थित चेरापुंजी में 1100 सेमी वर्षा होती है ।

दूसरी शाखा हिमालय के सहारे पश्चिम की ओर बढ़ती  है । यह असम पश्चिम बंगाल बिहार उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में वर्षा करती है ।।

एक शाखा राजस्थान में 15 से 30 सेमी वर्षा करती है ।  दक्षिण पश्चिम मानसून का मौसम की एक शाखा उड़ीसा  दक्षिण बिहार एवं मध्य प्रदेश में वर्षा करती है । किन्तु भारत के दक्षिण पूर्वी तट पर वर्षा प्रायः नहीं होती है ।

2- मानसून वापसी का मौसम- सूर्य की किरणे भूमध्य रेखा पर लम्बवत पड़ने के कारण दक्षिणी गोलार्ध की ओर निम्न वायुदाब उत्त्पन्न हो जाता है । जिसके कारण मानसून हवाएं उत्तर से दक्षिण की ओर जाने लगती है । इन्हे लौटता मानसून कहते है । यही हवाएं नवम्बर माह में कोरोमंडल तट पर जाड़ो में बौछार करती है ।

3- भारत में मौसम के अनुरूप वर्षा का वितरण:-

वर्षा का मौसम     —-         समयावधि   —–     वार्षिक वर्षा  

उत्तरी पश्चिमी मानसून             जनवरी से फरवरी           2.6%

पूर्व मानसून                            मार्च से मई                     10.0%

परवर्ती  मानसून                       जून से सितम्बर               13.3%

दक्षिण  पश्चिमी मानसून              जून से  सितम्बर             93.7%

4- क्षेत्र के अनरूप मानसून आगमन की तिथि:-

क्र0स0   -क्षेत्र                –           आगमन की तिथि  

1-  अंडमान निकोबार द्वीप        मई के तीसरे सप्ताह में

2-  केरल                                    जून के प्रथम 4 दिनों में

3- कोंकण                                   जून के प्रथम सप्ताह में

4- पश्चिमी बंगाल  –                      जून के प्रथम सप्ताह में

5- पूर्वी  उत्तर प्रदेश  –                  जून के द्वितीय  सप्ताह में

6-पंजाब                                      जुलाई के प्रथम सप्ताह में

7- त्रिवेंद्रम                                       1    जून

8-गोवा                                            5 जून

9- बम्बई                                          10 जून

10- कलकत्ता                                    7 जून

11- अहमदाबाद                                15 जून

12- दिल्ली                                         29 जून

5-   निष्कर्ष:-

आज इस आर्टिकल में आपने जाना है कि मौसम क्या है ?, भारत में मौसम के प्रकार के होते है । तथा  शीत ऋतु ,ग्रीष्म ऋतु ,वर्षा ऋतु एवं मानसून वापसी का मौसम के  बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी। जो आप सभी को विभिन्न परीक्षाओं के लिये महत्वपूर्ण होगी । जिसका आप सभी लोग अध्ययन करके सफलता प्राप्त कर सकेंगे । यदि यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा तो इसे अपने दोस्तों में अवश्य शेयर करे । यदि  कोई  doubt  हो तो comment  box  में अवश्य लिखे ।

धन्यवाद

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