universe ,  ब्रम्हाण्ड की उत्त्पति कैसे हुई  

universe, ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति

Universe , ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति

मानव ने  अपनी जिज्ञासा प्रगट किया कि universe  क्या है और ब्रम्हांड की उत्त्पति कैसे 

हुई  |जिसकी कल्पना नहीं की जा  सकती है । जिसमे  सूक्ष्म कणो से लेकर बड़ी से बड़ी

मंदाकिनियाँ  सम्मिलित है । तब विभिन्न खगोलशाष्टियो ने लगातार प्रयास किया, कि जगत 

क्या है ।  अपने -अपने विचार को व्यक्त किये ।  तो  सर्व प्रथम ए.बी.खगोलबिद ने बिग बैंग  से 

संसार का जन्म  के  विषय में क्रमानुसार समझाया । लेकिन अभी भी जगत की उत्पति कैसे

हुई। इसकी सही – सही  जानकारी नहीं हुई । किन्तु  जिसमे सभी आकाशीय पिंडो ,उल्काओं ,

धूमकेतुओ ,और सौरपरिवार में तारा ,नक्षत्रो ,ग्रहो ,उपग्रहों आदि समस्त पिंडो पाये जाते है|

आइये  हम जाने की  ब्रह्माण्ड की उत्तपति  कैसे हुई ।     

universe  आंग्ल भाषा के कॉसमॉस  शब्द से बना है। जिसका अध्ययन करने वाला विज्ञान

कास्मोलॉजी कहलाता  है |  sansar  की उत्पत्ति के विषय में अमेरिकी खगोलज्ञ जार्ज गैमो ने

आदि विस्फोट के आधार पर अपना बिग बैग सिध्दांत 1948 में प्रतिपादित किया| इसके बाद

थामस गोल्ड तथा हरमन वांडी  द्वारा सतत द्रिष्टि सिध्दांत का प्रतिपादित किया ।   world     

निर्माण करने वाले पदार्थ न्यूट्रिनो की उत्पत्ति हुई ।आज से लगभग 4500 मिलियन वर्ष पूर्व

सौरमण्डल का निर्माण न्यूट्रिन कणों से हुआ |

आकाशगंगा क्या है ?

universe  में असंख्य तारों के विशाल पुंज को मंदाकिनी कहा जाता है |  मंदाकिनी को

प्रायद्विपीय संसार  के नाम से भी जाना जाता है |  लेकिन यह रात में आकाश में एक बहती हुई

नदी के समान चमकती  है। उसे आकाश गंगा( मंदाकिनी )कहते है | जिसकी आकृति

सर्पाकार होती है | आकाश गंगा में एक खरब तारे है| इसके निकटतम मंदाकिनी एन्ड्रोमीडा

(andromeda) है जो आखों द्वारा देखी जाती है। तथा सबसे नवीनतम  ड्वार्फ मंदाकिनी है |

 गैलेक्सीकिसे कहते है ? 

  vniverse  में तारों का वह समूह जो धुंधला सा -दिखाई देता है, उसे गैलेक्सी कहते है |   

sansar  में सबसे बड़ा गैलक्सी  एन्ड्रोमीडा है। नवीनतम गैलेक्सी  ड्वार्फ  है |तथा सबसे

छोटा गैलेक्सी आस्ट्रेलिया है |

तारे किसे कहते है?

  गैसीय द्रव्य के उष्ण एवं स्वयं दीप्तमान ब्रह्माण्ड में स्थित खगोलीय पिण्ड है। जो प्रकाशीय

तथा विद्युत् -चुंबकीय विकिरण उत्पन्न करते है। उसे तारे कहलाते है|   तारो में सार्वधिक 70

%हाइड्रोजन ,28 %हीलियम ,1. 5 कार्बन ,नाइट्रोजन ,निऑन और 0. 5 %आयरन ग्रुप के

भारी तत्व पाये जाते है| जो कम चमकता है उसकी आयु अधिक होती है | जब तारो में

हाइड्रोजन समाप्त हो जाती है तो तारे मृत पड़ जाते है  |  जबकि प्रोक्सिमा सेंचुरी सूर्य का

सबसे निकटतम तारा है | 

ब्लैक होल  क्या  है ?(black hole )

universe की उत्त्पति में प्रत्येक तारों में लगातार बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन करते रहते है और निरन्तर सिकुडते रहते है ,जिससे अन्त में ऊर्जा समाप्त हो जाती है| जिसके कारण तारो का दहन रुक जाता है, जिसके  कारण ब्लैक होल बनता है | अमेरिका के जान व्हीलर ने 1967 में इसे यह नाम दिया था  

तारा मण्डल किसे कहते है ? 

ब्रम्हांड  में तारो के समूह को तारामण्डल कहते है | अभी तक 89 तारामण्डल की पहचान की

गयी है जिसमे सेन्टारस सबसे बड़ा तारामण्डल है |मृग ,उर्सा ,सिग्नस आदि तारामण्डल है |

राशि चक्र क्या है ? 

आकाश में बारह तारा मण्डलों की पट्टी जो पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य की आभासी घूर्णन गति वर्ष के

निश्चित समयो में करते है,इन्हे राशि चक्र के नाम से जाना जाता है | जैसे -मेष ,वृष ,मिथुन

,कर्क ,सिंह ,कन्या ,तुला ,वृश्चिक ,धनु ,मकर कुम्भ ,मीन है |सप्त ऋषि :-

निहारिका(nebulae ):-

यह आकाश में निर्मित एक चमकीला धब्बा है ।जो हल्के गैसों के बादल से निर्मित होता है। तथा तारों द्वारा प्राप्त रोशनी से धुंधला -धुंधला चमकता है ये आकाश गंगा तथा मंदाकिनी के स्रोत है। नीहारिकाएँ सर्पिल व दीर्घ वृत्तीय दो प्रकार की होती है ।दीर्घ वृत्तीय नीहारिकाएँ केन्द्रक के समान होती है | कुछ प्रकाशहीन पिण्ड काली निहारिका कहलाती है|

निष्कर्ष:-        universe और  ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के  विषय में अध्ययन किये । जिसमे तारे ,ग्रह ,उपग्रह ,धूमकेतु क्षुद्रग्रह ,उल्का ,नीहारिकाएँ ,आदि विषय में जानना अति आवश्यक है

https://en.wikipedia.org/wiki/Universe


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