प्रियः मित्रो , परीक्षार्थियों एवं पाठको Absuccessstudy में आपका स्वागत है । आज प्रस्तुत Article में बादल क्या है ? एवं
बादल प्रकार तथा उनके विषय में विस्तार इस Article में शामिल किया गया है । प्रस्तुत विषय को अत्यन्त सरल एवं बोधगम्य
बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे पाठको एवं परीक्षार्थियों को पढ़ने तथा समझने में सुबिधा हो । जिसमे विभिन्न परीक्षाओं में पूछे
जाने वाले तथ्यों का समावेश किया है । जिसका अध्ययन करके परीक्षार्थियों सफल हो सके ।और आगे नीचे दिये गये विषय सूची का
विस्तार से अध्ययन करेंगे ।
- बादल क्या है ?
- उनके के प्रकार
- बादल का वर्गीकरण
- उच्च बादल का वर्गीकरण
- मध्य बादल का विभाजन
- निम्न बादल का वर्गीकरण
- निष्कर्ष
बादल क्या है ?:-
आइये हम अध्ययन करें कि बादल क्या है ? पृथ्वी की सतह से विभिन्न ऊचाई पर वायुमण्डल में मौजूदा जलवाष्प के संघनन से
निर्मित हिमकणों अथवा जलसीकरो को बादल कहते है । जब वायुमण्डल में उष्ण वायु के कारण तापमान में बृद्धि होती है । तब
तरल एवं हिमकणों का वाष्पीकरण होने लगता है । वाष्पीकरण द्वारा तरल , जलवाष्प में परिवर्तित होते है । वायुमण्डल के ऊचाई
पर उष्ण एवं आर्द्र वायु के मिश्रण से सघनन क्रिया प्रारम्भ होती है । तथा विस्तृत क्षेत्र में हिम कणो के रूप धारण कर लेने पर इसे
बादल कहलाता है ।
बादल क्या है, यह मुख्य रूप से हवा के रूढदोषम प्रक्रिया द्वारा ठन्डे होने पर उसके तापमान के ओसांक से नीचे गिरने से बनते है ।
विश्व में वर्षा का अनुमान मेघ को देखकर लगाया जाता है । बादल द्वारा सूखा एवं बाढ़ की भविष्य वाणी की जाती है । जिससे पृथ्वी
पर आने वाली समस्याओं का निदान समय से किया जा सके । तथा जानमाल का अधिक नुकसान न हो सके ।
मेघ के प्रकार :-
ऊपर बादल क्या है ? बताया गया है , आगे ऊचाई के आधार पर मेघ के प्रकार निम्नलिखित होते है ।
- निम्न बादल
- मध्य बादल
- उच्च बादल
- ऊर्ध्वाधर विकाश मेघ
(A)निम्न बादल :- जिन धराधर की ऊचाई दो किमी से कम होती है उस जलद को निम्न बादल कहते है। निम्न बादल का वर्गीकरण तीन प्रकार होते है ।
1 – वर्षा स्तरी बादल:- यह लगातार वर्षा करता है । जो काळा रंग के होते है।
2 – स्तरी मेघ :- ये आकाश नीला दिखाई देता है ।
3 – स्तरी कपासी मेघ :- इनका निर्माण गोलाकार राशियों से होता है ,
(B) मध्य बादल :- इनकी ऊचाई 2 किमी से 6 किमी तक होती है । इन मेघ का वर्गीकरण दो प्रकार के होते है ।
- स्तरी मध्य मेघ –
- कपासी मध्य जलद
1-स्तरी मध्य मेघ :- ये भूरे या नील रंग के आकाश में मोती परतो में फैले रहते है ।
2-कपासी मध्य बादल:– इनका रंग भूरा होता है।
(C) उच्च बादल:- इन बादलो की ऊचाई 6 किमी से अधिक होती है , उच्च बादल का विभाजन तीन प्रकार के होते है ।
- जलद पक्षाभ
- पक्षाभ कपासी मेघ
- पक्षाभ स्तरी बादल
1- बादल पक्षाभ :- यह क्षोभमण्डल में सबसे अधिक ऊचाई पर हगोटे है । इनसे वर्षा नहीं होती है ।
2- कपासी पक्षाभ मेघ:- ये समूहों के रूप में पाए जाते है ।
3- पक्षाभ स्तरी बादल:- सफेद एवं महीन होते है, जो आकाश में फैले रहते है । शीतोष्ण चक्रवात आने के पूर्व दिखाई देते है ।
बादल का वर्गीकरण :-
अभी आप ने जाना है कि बादल क्या है और बादल का वर्गीकरण के बारे में अध्ययन किया है स्वरूप के आधार पर मेघ का
विभाजन चार प्रकार से किया गया है ।
- पक्षाभ बादल
- स्तरी मेघ
- कपासी बादल ।
- वर्षा मेघ
(A) उच्च बादल का वर्गीकरण –
अंतरास्ट्रीय उच्चं बादल की ऊचाई 6000 से 12000 मीटर होती है। जो निम्न है
(1) बादल पक्षाभ
( 2)पक्षाभ स्तरी बादल
(3) पक्षाभ कपासी बादल
(1) बादल पक्षाभ- वायुमंडल में सबसे अधिक ऊचाई में पाए जाते है । इनकी रचना हिमकणों से होती है ।ये मुलायम होते है ।
जब पृथक- पृथक होते है तो स्वस्छ मौसम की पूर्व सुचना मिलती है । किन्तु जब बादल एक साथ दिखाई पड़ते है । तो चक्रवात
के आगमन की सुचना होती है ।
(2) पक्षाभ स्तरी बादल – ये बादल आकाश में दूधिया की तरह दिखाई पड़ने लगते है । इन मेघो से दिन में सूर्य एवं रात्रि में चन्द्रमा
के चारो ओर प्रभातमंडल का निर्माण होता है । जो निकट भविष्य में चक्रवात के आगमन की सुचना देता है ।
(3) पक्षाभ कपासी बादल- यह बादल समूहों में होते है। ये छोटे – छोटे गोलाकार होते है । यह छायाहीन होते है । इन्हे मैकेरल स्काई कहते है ।
(B) मध्य बादल का विभाजन –
(1) स्तरी मध्य बादल
(2) कपासी मध्य बादल
इनकी ऊचाई 2000 से 6000 मीटर होती है ।
(1) स्तरी मध्य बादल – इन बादलो करंग भूरे एवं नील दिखाई देते है जिसके कारण आकाश में सूर्य और चन्द्रमा धुंधला सा
दीखता है । इनसे विस्तृत क्षेत्रो में लगातार वर्षा होने की संभावना रहती है ।
(2) कपासी मध्य बादल – यह बादल श्वेत एवं भूरे रंग कहता है । ये लहरों के रूप में पाया जाता है । पर्वत के शिखरों पर उत्पन्न
मेघ को पताका मेघ कहते है ।
(C) निम्न बादल का वर्गीकरण –
(1) स्तरी कपासी मेघ
(2) स्तरी बादल
(3)वर्षा बादल
निम्न बादल की ऊचाई 2000 मीटर होती है ।
(1) स्तरी कपासी मेघ- ऐसे बादल समूहों में दिखाई देते है , ये जाड़े के मौसम में आकाश में आवृत कर लेते है।
(2) स्तरी बादल – यह कोहरे के समान होता है , प्रायः इनका निर्माण कोहरे की निचली परतो के विसरण के कारण होता है ।
इनके खंडित होने से आकाश नीला दिखाई पड़ता है ।
(3) वर्षा बादल –इससे लगातार जल वृष्टि होती है। इस प्रकार के नेघ से वर्षा होती है ।
(D) ऊर्ध्वाधर विकाश मेघ-
(1) बादल कपासी
(2) कपासी वर्षा मेघ
(1) बादल कपासी– ये बादल आकाश में धुनि रुई के समान दिखाई पड़ता है । इनका आकर आकाश में गुंबदाकार रूप में
दिखाई देता है तथा झमाझम वर्षा होती है ।
(2) कपासी वर्षा मेघ –इनकी ऊचाई आधार से शीर्ष तक 18 किमी होती है इन मेघो में तेज बौछार पड़ती है । प्रवल झंझावात
इनके अन्य लक्षण है इनमे भयंकर मेघ गर्जना तथा बिजली की चमक होती है । इनके आधार से वर्गा दिखाई पड़ते है । शीतोष्ण
कटिबंधीय चक्रवातों में शीत वाताग्र के सहारे मुख्यतः इन्ही बादल से वर्षा होती है ।
निष्कर्ष :-
आज हम इस Article के माध्यम से बताने का प्रयास किये है, कि बादल क्या है?, बादल कितने प्रकार की होती है? , उनके
विभिन्न तथ्यों का अध्ययन किया गया है । इस Article में मेघ की विस्तृत जानकारी दी गयी है । जो विभिन्न परीक्षाओ हेतु उपयोगी
एवं ज्ञानवर्धक है। आपको मेरा लेख अच्छा लगा तो Like और Share करे। नई- नई जानकीरी हेतु Absuccess
study का अध्ययन करते रहे ।
धन्यवाद
प्रश्न – किस प्रकार के बादल अत्यधिक लम्बवत फैले होते है ?
उत्तर कपासी वर्षा मेघ
प्रश्न -किस प्रकार के बादल से प्रभामंडल का निर्माण करता है ?
उत्तर -पक्षाभ स्तरी मेघ
प्रश्न – कौन बादल से विस्तृत क्षेत्रो में लगातार वर्षा होती है ?
उत्तर – उच्च स्तरी मेघ
प्रश्न – जलवाष्प से बादल किस प्रक्रिया द्वारा होता है ?
उत्तर – संघनन
प्रश्न – बादल के वर्गीकरण को किसने लैटिन भाषा में उपयोग किया ?
उत्तर – ब्रिटेन एल0 हॉवर्ड
प्रश्न – अंतरास्ट्रीय उच्चं बादल की ऊचाई कितनी होती है ?
उत्तर -12000 मीटर
प्रश्न -निम्न बादल की ऊचाई कितनी होती है ?
उत्तर – 2000 मीटर
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जलवायु क्या है?विश्व के जलवायु का वर्गीकरण - Absuccessstudy · 06/05/2022 at 20:31
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