नमस्कार मित्रों ,आपका Absuccessstudy में स्वागत है । पिछले Article में प्राकृतिक संसाधनों के विषय में जाना गया है । आज हम जल संसाधन क्या है उनके बारे में विस्तार से  बतायेगे  । जल प्रकृतिक में अमूल्य निधि है । जिससे सम्पूर्ण ब्रम्हांड का जीवन चक्र निर्भर है । जल से ही विश्व  का सृजन हुआ है । जल के बिना जीवन की कल्पना करना निरर्थक है । जल से मानव जीवन चलता है ।  बढ़ती जनसंख्या को पिने और लाखो हेक्टेयर भूमि की सिचाई के लिये  अधिक जल की मांग है ।

इस प्रकार घरेलु तथा औद्योगिक कार्यो में जल की आवश्यकता लगातार बढ़ती जा रही है । जिसमे विभिन्न क्षेत्रो में साफ – सफाई , धुलाई,  ग्रीन वेल्ट, रेलवे स्टेशनों ,गाड़ियों  आदि में जल का उपयोग किया जाता है । अन्तः स्थलीय मत्स्य उत्पादन , पर्यटन और जल क्रीड़ाओं के लिये भी जल की आवश्यक है।जल विद्युत् उत्पादन तथा परमाणु बिजली घरो के शीतलन के लिये आवश्यक है।जो जल  संसाधन के प्रमुख स्रोतों में  सतही जल एवं भूजल पर निर्भर है  इस प्रकार सम्पूर्ण मानव सभ्यता अपने अस्तित्व एवं विकाश  जल पर आश्रित है । लेकिन जल की आपूर्ति असीमित नहीं है । जिसके कारण कुछ क्षेत्रो में सूखा तथा कुछ क्षेत्रो में बाढ़ के प्रकोप  झेलना पड़ता है । इस प्रकार जल एक अमूल्य सम्पदा है । जिसका संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है ।

    -:विषय सूचि :- 

  1. जल संसाधन क्या है  
  2. जल संसाधन  के प्रमुख स्रोत क्या है?
  3. पानी के  संसाधन का मानव जीवन में उपयोग
  4.   जल  संसाधन का गहराता संकट
  5. जल संरक्षण एवं संचयन
  6. निष्कर्ष

जल संसाधन क्या है ? 

जल संसाधन क्या

आइये हम अध्ययन करेंगे , कि जल संसाधन क्या है? जल प्रकृति का सबसे मूल्यवान उपहार है। जल ही जीवन है । जल है तो कल है।  जल के बिना जीवन कि कल्पना सम्भव नहीं है । प्रकृति में जीव- जन्तु दोनों के लिये जल अतिआवश्यक है  जिनका उपयोग मानव अपने कल्याणार्थ के लिये अनेक रूपा में  करता है । जिससे उनका जीवन चक्र सुचारु रूप से चलता रहे। यथा – पिने के लिये , नहाने पशुओं को  पिलाने एवं धोने ,   खेतो कि सिचाई  , औद्योगो के लिये  एवं  अनेक प्रकार कि साफ – सफाई के लिये तथा वनस्पतिओं के   सृजन के लिये किया जाता है।  अतः जल एक संसाधन है।

जल संसाधन के प्रमुख स्रोत क्या है ?

अभी हम आपको जल संसाधन क्या है? के बारे में बताये है। और आगे जल संसाधन के प्रमुख  स्रोत क्या है ? उनके विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है ।  जल वह स्रोत है, जो  जीव- जन्तु के लिये उपयोगी होते है । जिनकी उपलब्धता पृथ्वी पर 97.4% खारे पानी एवं 2.6 % ताजे पानी की है । प्रकृति में उपलब्ध ताजे पानी की मात्रा में 30 % भूजल है ।  68.7% ग्लेशियर एवं आइस कैप के रूप में उपलब्ध है । 0.30 % भाग नदियों, झीलों ,तालाबों तथा 0.90   % अन्य रूपों में पाये जाते है ।

जब प्रकृति में वर्षा होती है तो अधिकतर जल नाले ,नहरों ,नदियों  से समुद्र में चला जाता है।  कुछ जल रिसकर पृथ्वी केअंदर स्टेटा में    इक्ठा हो जाता है। मानव अपने जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिये जिन स्रोतों पर निर्भर रहता है , उस जल के प्रमुख स्रोत को दो भागो में विभाजित किया गया है। जो निम्नलिखित है ।

  1. सतही जल 
  2.   भूगर्भ जल 

1-सतही जल- वह जल जो वर्षा के समय नदियों तालाबों झीलों तलैया में एकत्र होता है ,उसे सतही जल कहते है । जिसका उपयोग मानव पीने, सिचाई, विद्युत् उत्पादन, परिवहन, मस्त्य , जल क्रीड़ा एवं साफ – सफाई आदि में किया जाता है । 

सतही जल के स्रोत-

  1. नदिया 
  2. नहरे
  3. तालाब
  4. तलैया  
  5. चेकडैम
  6. झीले
  7. नाले

2-भूगर्भ जल- वर्षा के बाद धीरे -धीरे जल रिसकर पृथ्वी के अंदर चला जाता है । जो विभिन्न स्टेटा (aquifier) में एकत्र हो जाता है उसे भूगर्भ जल कहते है । पृथ्वी के अंदर प्रमुख  दो स्टेटा पाये जाते है । जो निम्न है । 

  1. डायनामिक स्टेटा
  2. स्टैटिक स्टेटा

भूगर्भ जल के स्रोत –

  1.   कूप
  2. पाताल तोड़ कूप
  3. समरसेबल  
  4. हैंडपंप
  5. टुवेल

पानी के संसाधन का मानव जीवन में उपयोग:-

अभी हम जस्टआपको जल संसाधन क्या है? और जल संसाधन के प्रमुख  स्रोत क्या है ? के बारे में बताये है। आगे पानी के संसाधन का मानव जीवन में उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है । जल मानव जीवन के लिये बहुत उपयोगी है । जिसकी  जीवन की उत्पत्ति से लेकर विकाश में प्रमुख भूमिका है । भारतीय दर्शन में  क्षिति  ,जल,  पावक , गगन ,   समीरा  पांच तत्व से बना शरीरा कहा गया है । वैज्ञानिको ने भी जीव की उत्त्पत्ति  जल में बताया है। इसलिए जल ही जीवन है । जल  है तो कल है । 

जल का उपयोग पीने सिचाई एवं उद्योगों में प्रमुख रूप से किया जाता है । इसके अतरिक्त  परिवहन ,यातायात , इमारतों , नहरों  विद्युत् घरो में , मस्त्यापालन एवं खाना पकाने आदि  में  किया जाता है । 

जल  संसाधन का गहराता संकट :-

ऊपर आपको जल संसाधन क्या है? और पानी के संसाधन का मानव जीवन में उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी बताई गयी है ।  अब हम  जल  संसाधन का गहराता संकट के बारे में बताने जा रहे है। आइये इसके बारे में जानते है ।

आज पुरे विश्व में जल की मांग अधिक है। क्याकि संसार की बढ़ती जनसंख्या है।आज पुरे विश्व आर्थिक उन्नति के लिये  औद्योगीकरण पर निर्भर  है । उनको सुचारु  रूप से चलने के लिये जल की अतिआवश्यकता होती है।  जो उनके कल – पुर्जे  की साफ -सफाई आदि के कार्य किये जाते है । जिसमे पानी का अनियोजित एवं अनियंतित उपयोग किया जाता है । जिससे जल का संकट उत्पन्न हो गया है ।

पहले  अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण इलाके में रहती थी। धीरे -धीरे शहरीकरण होने के कारण वृक्षों की अंधाधुन कटाई होने लगी । जिसके   कारण लोग जमीनों का पक्की करने लगे है।  तब वर्षा के समय  जल बहकर समुद्रो में चले जयते है। तथा वृक्षों की अंधाधुन कटाई  के कारण मानसून भी प्रभावित  हुई  है। पहले की अपेक्षा वर्षा कम होती है।और मानसून सीजन कम हो गये है ।  जिससे  जल संसाधन का गहराता संकट  उत्पन्न होने गले। इसके अतिरिक्त मानव की चेतना की कमी से भी जल संकट है । छोटे छोटे कार्यो में भी जल का अधिक दोहन होता है ।जैसे – कार की धुलाई , नहाने, ब्रश, कपड़े की धुलाई ,सेविन आदि में ।  किसानो द्वारा सिचाई की परम्परागत पद्धति से  जल का दोहन बहुत किया जाता है ।जल  संसाधन का गहराता संकट के निम्लिखित कारण है ।

  1. बढ़ती जनसंख्या
  2. उद्योगीकरण
  3. शहरीकरण
  4. वृक्षों की अंधाधुन कटाई
  5.   जल का अनियोजित उपयोग
  6.   परम्परागत  सिचाई
  7. जन मानस में चेतना की कमी
  8. वर्षा की  कमी
  9. पर्यावरण  प्रदूषण

जल संरक्षण एवं संचयन  :-

पृथ्वी में जल विशालकाय स्रोत मनुष्य जीवन के लिए एक बहुमूल्य वरदान है । इसे संचित एवं संरक्षित करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है । क्योकि  मानव जीवन के चक्र के लिये जल आवश्यक है । जल  की एक -एक बूद को बचना ही जल सरक्षण कहते है ।       पृथ्वी के धरातल के सतही जल नदियों ,तालाबों झीलों एवं भूजल कूप, हैंडपंप ,बोरवेल  के बर्बाद होने से बचना पड़ेगा । जल का  सही एवं सुनियोजित  उपयोग करके संरक्षण एवं संचयन किया जा सकता है जो संरक्षण एवं संचयन की  निम्नलिखित विधिया है ।

  1. रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्रणांली
  2. तालाब निर्माण करके
  3. तालाब का जीर्णोद्धार द्वारा 
  4. चेकडैम द्वारा
  5. कूपों का जीर्णोद्धार द्वारा
  6. नाली एवं नाले को साफ – सफाई
  7. नदियों को आपस में जोड़ कर
  8.   सिचाई में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर विधि
  9.   कम जल खपत  की खेती द्वारा
  10. गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत
  11. वृक्षा रोपड़ द्वारा
  12. जन जगरूकता द्वारा
  13. अन्य विधिओ द्वारा
निष्कर्ष:-

आशा है कि जल संसाधन क्या है? उनके विषय में विस्तृत अध्ययन किया  गया है । जिसका  मानव  जीवन में बहुत महत्वपूर्ण उपयोग है । वह आपको अच्छा लगा होगा । क्योकि जल प्रकृति का सबसे मूल्यवान उपहार है। जल ही जीवन है । जल है तो कल है।  जल के बिना जीवन कि कल्पना सम्भव नहीं है । इस Article में जल के दोहन के कारण तथा  जल संरक्षण एवं संचयन उपाय भी बताये गये है । यदि  यह अच्छा लगा तो आप अपने मित्रो – दोस्तों को Like एवं  Share करे ।

धन्यवाद 

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