प्रिय मित्रो एवं दोस्तों Abuccessstudy में आप सभी का स्वागत है । आज हम उदारीकरण के बारे में पूरी जानकारी बताऊंगा। उदारीकरण क्या है ? उसकी विशेषताएं के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है । इस व्यस्था में सार्वजनिक सेवाओं में सरकार की कमी तथा निजी क्षेत्रो में वृध्दि होती है । यह आर्थिक विकाश के उद्देश्य के लिये लगाई गयी है ।
-:विषय सूचि :-
1-उदारीकरण क्या है ?
2- उदारीकरण की मुख्य विशेषताएं
3-लिब्रलाइजेशन में निजीकरण की भूमिका
4- उदारीकरण निजीकरण एवं वैश्विकरण के पक्ष में
5- वैश्विकरण एवं उदारीकरण के बिरुध्द पक्ष
1-उदारीकरण क्या है ?
उदारीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में उत्तपन्न बाधा को सरल बनाया जाता है । सरकार की भूमिका में आमतौर पर कमी की जाती है । तथा आर्थिक विकाश में उत्तपन्न बाधा करने वाली प्रक्रिया , नियम- कानून , नीतिया एवं सरकारी नियंत्रण में शिथिलता लायी जाती है | जिससे देश के आर्थिक विकास में निजी क्षेत्रो की व्यापक सहभागिता होती है ।
2- उदारीकरण की मुख्य विशेषताएं
उदारीकरण की मुख्य विशेषताएं के बारे में आगे जानकारी दी जायेगी । जो निम्नलिखित है ।
1- आधारभूत एवं प्रमुख उद्योगों , बैंकिंग , बीमा आदि क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कमी तथा निजी क्षेत्र की सहभागिता ।
2- सार्वजनिक सामाजिक सेवाओं में सरकार की भूमिका में कमी
3- शिक्षा , आवास और स्वास्थ्य रक्षा में निजी क्षेत्र की व्यापक भूमिका ।
4- आर्थिक क्षेत्रों में सरकार की निकासी और निजी क्षेत्र द्वारा उसका प्रतिस्थापना।
5- निजी क्षेत्र की व्यापक सहभागिता के द्वारा भावी विकास करना ।
6- देश के आर्थिक विकास के अन्य क्षेत्रों को सरकारी नियंत्रण में कमी ।
3- लिब्रलाइजेशन में निजीकरण की भूमिका
लिब्रलाइजेशन के द्वारा निजीकरण की प्रमुख भूमिका होती है । जिससे सार्वजनिक से निजी क्षेत्रो में व्यापक सहभागिता होती है ।
1- अंशो की सार्वजनिक बिक्री
2- अंशो की निजी बिक्री
3- सरकारी स्वामित्व के उद्यम में न्य निजी निवेश
4- सार्वजनिक क्षेत्र में निजी क्षेत्र का प्रवेश
4- उदारीकरण निजीकरण एवं वैश्विकरण के पक्ष में
1- वैश्विक चुनौतियों के मुकाबले के लिये औद्योगिक क्षेत्र की प्रतिस्पर्ध्दात्मक क्षमता में वृध्दि ।
2- आमदनी एवं संपदा के वितरण से गरीबी और असमानता में कमी ।
3- यह सार्वजनिक क्षेत्र की दक्षता , उत्पादकता एवं लाभ बढ़ाता है ।
4- महत्वपूर्ण क्षेत्रो में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देता है ।
5- यह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रवाह को बढ़ावा देता है ।
6 ग्रामीण एवं नगरीय रोजगार का सृजन करता है ।
5-वैश्विकरण एवं उदारीकरण के बिरुध्द पक्ष
1- इसमें कृषि क्षेत्र की उपेक्षा की जाती है ।
2- विश्व बैंक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दबाव में यह निति अपनाया गया ।
3- इस व्यस्था से विदेशी सहायता एवं कर्ज पर देश की निर्भरता बड़ाई जाती है।
4- देश की आर्थिक संप्रभुता को क्षति पहुंचाई है ।
5- निजीकरण पर बहुत अधिक बल दिया जाता है ।
6- यह व्यवस्था बढ़ती कीमतों , वित्तीय घाटे , सब्सिडी और सरकारी गैर – योजना खर्च की प्रवृति पर रोकथाम में विफल रहती है
निष्कर्ष:-
आज इस Article में आपने जाना है कि उदारीकरण क्या है ? उसकी विशेषताएं तथा उदारीकरण निजीकरण एवं वैश्विकरण के पक्ष एवं विपक्ष के बारे में जानकारी दी गयी है ।जो आपके विभिन्न परीक्षाओं के लिये महत्वपूर्ण होगी । जिसका आप अध्ययन करके सफलता प्राप्त कर सकेंगे । यदि यह Article आपको अच्छा लगा होगा तो इसे अपने दोस्तों में अवश्य शेयर करे । यदि कोई doubt हो तो comment box में अवश्य लिखे ।
धन्यवाद
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