प्रिय मित्रो एवं दोस्तों आप सभी लोगो का Absuccessstudy में स्वागत है । आज हम आप लोग को भारत की बहुउद्देशीय परियोजना के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे । जिसका मूल उद्देश्य है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रो में प्रवाहित जल को सुव्यस्थित ढंग से एकत्र करना है । जिससे बाढ़ एवं सूखा की समस्या कम की जा सके। तथा मानव जीवन की विभिन्न आवश्कताओ की पूर्ति में बहुउद्देशीय परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान है । इन परियोजनाओं से स्वच्छ जल , बिजली , कृषि, मत्स्यपालन,परिवहन , पर्यटन, ,औद्दोगिक विकाश एवं जल क्रीड़ाओं आदि की आवश्यकताओ की पूर्ति होती है ।
-:Table of contents :-
1-बहुउद्देशीय परियोजना क्या है ?
2- बहुउद्देशीय परियोजना के उद्देश्य
3- इंडिया की प्रमुख्य बहुउद्देशीय परियोजना
4- प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना
5- सबसे ऊंची बहुउद्देशीय परियोजना
6 -सबसे लम्बी बहुउद्देशीय परियोजना
7-रिहन्द बाधा परियोजना
8-बहुउद्देशीय परियोजना से लाभ
9- निष्कर्ष
1-बहुउद्देशीय परियोजना क्या है ?
आज हम भारत की बहुउद्देशीय परियोजना क्या है ? के बारे में इस Article के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी जायेगी । जिसका अध्ययन परीक्षार्थी करके सफलता प्राप्त कर सकते है । जो बहुत उपयोगी है । जिन नदियों की घाटियों पर बड़े – बड़े बांध बनाकर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्राप्त की जाती है , जैसे – विद्युत् उत्पादन , सिचाई , पर्यटन जल परिवहन मत्स्यपालन औद्योगिक विकास आदि का कार्य किया जाता है उसे बहुउद्देशीय परियोजना कहते है । भारत के प्रथम प्रधानमंती जवाहर लाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजना को आधुनिक भारत के मंदिर कहा था । इन परियोजनाओं के द्वारा कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था तथा उद्योगों का सार्वभौमिक विकास किया जायेगा।
2- भारत की बहुउद्देशीय परियोजना के उद्देश्य:-
भारत की बहुउद्देशीय परियोजना के उद्देश्य के विषय में विस्तार से बताऊंगा । जो निम्नलिखित है।
1- जल विद्युत् का उत्पादन
2- भूमिगत जल स्तर का ऊपर बढ़ाना
3- मृदा अपरदन को रोकना
4- सूखे खेतो तक पानी पहुंचना
5- बाढ़ की रोकथाम
6- जल परिवहन
7-पर्यटक स्थल के रूप में विकाश
8- दलदल को सुखना
9- सूखे का सामना करना
10 – मत्स्य पालन
11- उद्योगों एवं तापीय विद्युत् केन्द्रो को जल प्रदान करना
12- पेय जल की व्यवस्था करना
3- इंडिया की प्रमुख्य बहुउद्देशीय परियोजना :-
आगे भारत की प्रमुख्य बहुउद्देशीय परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है । जो निम्नलिखित है।
1- दामोदर नदी घाटी परियोजना
2- भाखड़ा नांगल परियोजना
3- हीराकुंड परियोजना
4- कोसी परियोजना
5- रिहन्द बाधा परियोजना
6- चम्बल घाटी परियोजना
7- तुंगभद्रा परियोजना
8- नागार्जुन सागर परियोजना
10- मयूराक्षी परियोजना
11- तीस्ता घाटी परियोजना
12- पोचमपद परियोजना
13- काकरापार परियोजना
14- उकाई परियोजना
15- माही परियोजना
16- घाटप्रभा एवं मालप्रभा परियोजना
17- भीमा परियोजना
18- व्यास परियोजना
19- साबरमती परियोजना
20- महानदी परियोजना
21- थियन परियोजना
22- उकाड़ी परियोजना
23- शादी सहायक परियोजना
24- हसदेव बोगो परियोजना
25- भद्र परियोजना
4-इंडिया की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना(दामोदर घाटी परियोजना):-
अब हम के इंडिया की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना बारे में जानकारी दी जायेगी । जो बहुत उपयोगी है । दामोदर घाटी परियोजना इंडिया की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना है । जिसका निर्माण यू0 एस0 ए0 के टेनिसी घाटी योजना (TVC) से प्रेरित होकर रखी गयी है । इस परियोजना का प्रारम्भ 1948 में किया गया है । जिसमे दामोदर और उनकी सहायक नदियों पर 8 बांध बनाये गये है । इस परियोजना के अन्तर्गत 2495 किमी 0 लम्बी निकलकर लाखो हेक्टेयर भूमि की सिचाई की जाती है । पश्चिमी बंगाल और झारखण्ड की कोयला क्षेत्र में जल मार्ग बनाया गया है । विभिन्न विद्युत् गृहो से बिजली उत्पादन किया जाता है । जिससे कोलकता पटना जमशेदपुर डालमियानगर को बिजली प्रदान की जा रही है ।
दामोदर नदी अपने भयंकर बाढ़ के कारण कुख्यात है,जिससे बंगाल में बहुत तबाही मचाती है । इसीलिए इसे बंगाल का शोक कहा जाता है ।
5- इंडिया की सबसे ऊंची बहुउद्देशीय परियोजना( भाखड़ा नांगल परियोजना) :-
इंडिया की सबसे उची बहुउद्देशीय परियोजना के बारे में जानकारी दी जायेगी । यह संसार का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध है । तथा भारत की सबसे बड़ी परियोजना है । जिसका निर्माण पंजाब में रोपड़ से 80 किमी ऊपर भाखड़ा कन्दरा के पास सतलज नदी पर बना है । जिसकी लम्बाई 518 मी0 तथा ऊचाई 226 मी 0 है । यह संसार का सबसे ऊंचा दूसरा बांध है ।
गोविन्द सागर झील – भाखड़ा बांध के पार्श्व भाग में गोविन्द सागर झील स्थित है। जिसका निर्माण गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर किया गया है ।इस की झील लम्बाई 88 किमी और चौड़ाई 8 किमी है । यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है । जिससे 7 लाख 80 हजार हेक्टेयर मीटर जल संभरण की क्षमता है ।
नांगल बांध – भाखड़ा बांध से 13 किमी नीचे नांगल नामक स्थान पर दूसरा बांध बना है , जो 29 मीटर ऊंचा एवं 251 मीटर लम्बा है इस बांध से नहरें निकली गयी है। नांगल नहर पर गंगूवाल कोटला एवं रोपड़ के निकट विद्युत् शक्ति गृह बनाये गये है । जिनसे 1204 मेगावाट बिजली पैदा की जाती है ।
भाखड़ा नांगल परियोजना से पंजाब हरियाणा राजस्थान हिमाचल प्रदेश एवं राजधानी क्षेत्र दिल्ली को लाभ प्राप्त होता है । इस परियोजना से विभिन्न प्रकार जैसे – जल विद्युत् उत्पादन , सिचाई एवं भूमि संरक्षण आदि होता है ।
6 – भारत की सबसे लम्बी बहुउद्देशीय परियोजना ( हीराकुंड परियोजना) :-
भारत की सबसे लम्बी हीराकुंड बहुउद्देशीय परियोजना है । हीराकुंड बांध का निर्माण उड़ीसा राज्य के महानदी पर बना है जिसकी लम्बाई 4.8 किमी 0 है । यह विश्व का सबसे लम्बा बांध है । जिसके निर्मित करने का मूल उद्देश्य बाढ़ को नियंत्रित करना है इस परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है । नहरों द्वारा 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिचाई की जाती है। विभिन्न कारखानों में भी जल आपूर्ति की जाती है । जैसे – हीराकुंड का एल्युमिनियम कारखाना , राउरकेला का इस्पात कारखाना बृजराज में सूती वस्त्र कारखना आदि में जल का उपयोग किया जाता है । हीराकुंड बांध से बाढ़ नियंत्रण ,भूमि संरक्षण ,मत्स्योत्पादन जल परिवहन ,सिचाई एवं पर्यटन आदि जैसे उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है ।
7-रिहन्द बाधा परियोजना :-
इस परियोजना को गोविन्द वल्लभ पंत सागर के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तर प्रदेश की विशाल बहुउद्देशीय परियोजना है। जो सोन की सहायक नदी रिहन्द पर पिपरी नामक स्थान पर बांध बनाया गया है । इसका प्रारभिक उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण करना था किन्तु आज इसका प्रमुख उद्देश्य सिंगरौली ताप विद्युत् गृहो में जल आपूर्ति करना है । चूकि सिंगरौली आज देश की ऊर्जा राजधानी है ।जिससे 300 मेगावाट विद्युत् उत्पादन किया जाता है । इससे रेनकोट एवं सिंगरौली शहरो को पीने के लिये पानी की सप्लाई की जाती है । इसके साथ – साथ जल परिवहन मत्स्योत्पादन भूमि संरक्षण बाढ़ नियंत्रण मृदा संरक्षण वृक्षारोपण भूजल रिचार्जिंग आदि किया जाता है ।
8-बहुउद्देशीय परियोजना से लाभ :-
बहुउद्देशीय परियोजना से विभिन्न प्रकार के लाभ मिलते है, जो निम्लिखित है ।
1- बांध बनाकर वर्षा जल को एकत्र करके उपयोग में लाना ।
2- बांध बनाकर बाढ़ को नियंत्रण करना ।
3- जल विद्युत् ऊर्जा प्राप्त साधन में प्रयोग करना है ।
4- औद्योगिक कार्यो में जल का उपयोग
5- जल की कमी वाले क्षेत्रो में जल की आपूर्ति करना
6- जल परिवहन एवं नौकाविहार में उपयोग करना
7- मत्स्य पालन , पर्यटन के रूप में विकसित करना
8- मृदा संरक्षण में सहयोग
9- निष्कर्ष :-
परीक्षार्थियों आज आप लोगो ने इस Article में जाना है, कि भारत की बहुउद्देशीय परियोजना क्या है ? तथा उनके उद्देश्य एवं लाभ की जानकारी दी गयी है ।इंडिया की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना, भारत की सबसे लम्बी हीराकुंड बहुउद्देशीय परियोजना है के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है । जो विभिन्न परीक्षाओ के लिये बहुत उपयोगी है । यदि इस टॉपिक सम्बन्धित कोई तथ्य शेष हो तो comment box अवश्य लिखे । और इस लेख को social media और अपने दोस्तों को share करे तथा like अवश्य करे ।
धन्यवाद
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