Rocks meaning in hindi ,types of rocks
आइए हम Rocks meaning in hindi का अध्ययन करे, कि जब पृथ्वी के भूगर्भित घटनाओ के
पश्चात वे पदार्थों का सम्मिशण जो भू पर्त -पपड़ी पर पाये जाते है ,उसे Rocks कहते है। वह पपड़ी
Crust तथा Substratum में विभक्त है। क्रस्ट ठोस रूप में होता है। इसे स्थलमण्डल भी कहते है।सर
आर्थर हाम्स ने कहा कि ये अधिकतम विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों का संयोग होता है। अभी तक
भूवैज्ञानिक ने लगभग 2000 से अधिक खनिजो का पता लगा चुके है।और पृथ्वी की पपड़ी (Crust )की
संरचना अनेक तत्वों से मिलकर हुई।जिसमें लगभग 98 %भाग केवल 8 प्रमुख तत्वों से निर्मित है। इनमे
आक्सीजन ,सिलिकन ,एल्युमिनियम ,लोहा ,कैल्शियम सोडियम
पौटेशियम ,मैग्नीशियम से मिलकर बना है। और उनकी उत्पत्ति तथा संरचना के आधार पर Three
types of rocks होते है।
आग्नेय या प्राइमरी चट्टानें (Igneous rocks):-
जब ज्वालामुखी से निकले तप्त एवं तरल मैग्माऔर लावा के शीतल होने से होता है, उसे Igneous
rocks कहते है। सर्व प्रथम इसी शैल का निर्माण होता है ये कठोर ,रवेदार और दानेदार होती है।
जिसमे परत और जीवावशेष नहीं पाये जाते है। और रासायनिकअपक्षेप का प्रभाव कम होता है। यान्तिक
अपक्षेप का प्रभाव अधिक होता है। जिसके फलतः जिसका वियोजन और विघटन होने लगता है। पृथ्वी
के 95 %भाग में पायी जाती है।संरचना और स्थिति के अनुसा दो भोगो में बाटा गया है
अन्तर्भेदी चट्टानें(Intrusive rocks ):-
जमीन के अन्दर अधिक ताप के कारण कठोर से कठोर पिघलीअवस्थ में रहती है। तो कुछ पृथ्वी के
ऊपर पिघल कर आ जाता है। तथा कुछ के अन्दर ठोस हो जाता है इसेअन्तर्भेदी चट्टान कहते है।
इसे शीतल होने के अनुसार दो भेद किये गये है।
(2 )मध्यवर्ती चट्टानें:- जब ज्वाला,मुखीय उदगार के समय गर्म एवं तरल लावा ऊपर उठती है।
लेकिनअवरोध के कारण दरारों ,छिद्रों एवं नली में जम जाता है ,बाद में दृष्टिगत होता है।
लेकोलिथ,फैकोलिथ,लैपोलिथ ,डाइक ,सील ,एवं निक
बाह्वय चट्टानें :-
धरती आन्तरिक भाग को मेग्मा तोड़कर धरातल पर आ जाता है ।जब जमा व ठण्डा होकरजमने से
बाह्वय चट्टान कहते है। इसमें ग्रेनाइट ,बैसाल्ट ,ग्रेबो ,साइनाइट ,रायोलाइट,पैरोडोटाइट ,डयोराइट ,
आदि के रूप में मिलती है। जिसमे सोना ,चाँदी ,लोहा ,क्रोमियम ,निकिल ,प्लेटिनम ,मैगनीज आदि
अनेक बहुमूल्य खनिज मिलते है। ग्रेनाइट में फैल्सपार ,अभ्रकअलवाइट ,बायोटाइट ,हॉर्न ब्लैंड तथा
मस्कोवाइट खनिज पाये जाते है। ।बैसाल्टमें लगभग 65 %सिलिका की मात्रा होती है,और लौह धातु
सर्वाधिक मात्रा में मिलती है।
आग्नेय चट्टानें की विशेषतायें :-
- यह पिघले मैग्मा के ठंडा होने से बनती है ।
- इसमें परते नहीं होती है ।
- इसमें जीवाश्म नहीं पाये है ।
- यह कठोर होती है और इनमे से पानी नहीं छानता ।
- यह रवेदार होती है और इनमे क्रिस्टल होते है ।
अवसादी Sedimentary rocks):-
इसे rocks का निर्माण नदियों एवं तेज हवाओ से लाई गयी पाषण चूर्ण होता है । जीवावशेष एवं
बनस्पतियों के एकत्रीकरण से होता है। इसमें बार-बार लाईगयी चूर्ण एवं पदार्थों से विभिन्न परते बन जाती
है। इसमें जोड़ो एवं संधियों का बाहुल्य होता है। जब झुकी हुई परतो के ऊपर क्षैतिज परतो का जमाव
होता है। तो ऊपरी परत तथा झुकी परतो के साथ कोणीय झुकाव होता है।उसे असम बिन्यास
Unconformity ) कहते है । तथा समान्तर परतों को Disconformity कहते है। इसमें सिलका
,आयरनआक्साइड तथा चूर्ण कण होते है।
अवसादी चट्टानों का वर्गीकरण :-
(1 ) चूर्ण से निर्मित शैल -बलुक पत्थर ,काग्लोमरेट चीका , लोयस।
(2 )जैविक तत्वों से निर्मित शैल -चुनें का पत्थर ,कोयला ,पीट
अवसादी चट्टानों की विशेषतायें :-
- ये में परते होती है |
- इनकी परते तिरछी हो सकती है ।
- इसमें जीवाश्म पाये जाते है ।
- जलोढ़ के सूखने पर दरारे पड़ जाती है ।
कायान्तरित या परिवर्तित चट्टान (Metamorphic rocks ):-
दूसरी में अत्यधिक ताप ,दाब ,ऊष्मा से कायान्तरिक शैल का निर्माण होता है। रूपान्तरण की क्रिया के
दौरान चट्टान का रूप बदल जाता है। परन्तु चट्टान में किसी प्रकार का बिघटन नहीं होता है। रूपान्तर के
मुख्य कारक ताप ,दाब तथा घोल होता है। इसमें Fossils नहीं पाये जाते है।
कायान्तरित या परिवर्तित चट्टान की विशेषतायें :-
- कायांतरित चट्टानों में जीवाश्म नष्ट हो जाते है ।
- बहुत कायांतरित चट्टानों में पानी नहीं छान पाता है ।
- कायांतरित चट्टानों दानेदार होती है । जैसे- फेल्सपार
- बहुत कायांतरित चट्टानों संस्तरण तल के सहारे चटक जाती है
निष्कर्ष ;-
rocks meaning in hind i एवं rocks तीन प्रकार के होते है। जिसमे प्राथमिक चट्टानें , अवसादी
चट्टानें एवं कायांतरित चट्टानें का अध्ययन किया गया । पृथ्वी के भू पर्त -पपड़ी पर अनेक चट्टानें पाये
जाती है । जिसकी जानकारी होने पर मनुष्य दैनिक जीवन में उपयोग करता है ।
यदि आपको मेरा blogger अच्छा लगा तो Likeऔर Shareकरे ,आपको बहुत – बहुत धन्यबाद |
0 Comments