प्रियः मित्रो , परीक्षार्थियों एवं पाठको Absuccessstudy में आपका स्वागत है । आज इस Article में वर्षा किसे कहते है ?
एवं वर्षा कितने प्रकार की होती है ? तथा उनके विषय में विस्तार इस Article में प्रस्तुत करेंगे ।प्रस्तुत विषय को अत्यन्त
सरल एवं बोधगम्य बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे पाठको एवं परीक्षार्थियों को पढ़ने तथा समझने में सुबिधा हो । जिसका
अध्ययन करके परीक्षार्थियों समय सफल हो सके ।
Table of content (Hindi)
- वर्षा किसे कहते है ?
- वर्षा कितने प्रकार की होती है ?
- बारिश को प्रभावित करने वाले कारक
- संसार में वर्षा का वितरण
- वर्षा का महत्वपूर्ण जानकारी
- निष्कर्ष
वर्षा किसे कहते है ?
आइये हम अध्ययन कर कि वर्षा किसे कहते है ? जब धरातल पर महासागर ,सागर, नदी ,झील से जल का वाष्पीकरण होता रहता है । तब जल, जलवाष्प के रूप में वायुमण्डल में फैल जाता है । संघनन के कारण जलवाष्प ,जलकण में परिवर्तित होकर बादल का निर्माण करता है । जलकण वायुमण्डल में उपस्थित धूलकण पर एकत्र होकर वायु में फैल जाता है । वायु में धीरे -धीरे जलकण की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे जलकण धरातल पर बूँद- बूँद गिरने लगता है उसे वर्षा कहते है ।
जब वायुमण्डल में उष्ण वायु और आर्द्र वायु काआपस में मिलती है ,तो बादल का निर्माण होता है तब जल की बूँद- बूँद धरातल पर गिरने लगती है उसे बारीश कहते है । बारिश के विभिन्न रूपों में पायी जाती है , जिसमे वर्षा तीन प्रकार की होती है ।
वर्षा कितने प्रकार की होती है ? :-
अभी Just जाने है कि वर्षा किसे कहते है? अब जानेगे कि वर्षा कितने प्रकार कि होती है ? वर्षा तीन प्रकार की होती है ,जो निम्नवत है ।
1- संवाहनीय वर्षा
2-चक्रवातीय वर्षा
3- पर्वतीय वर्षा
1- संवाहनीय वर्षा :- सूर्य के अत्यधिक तापमान के कारण धरातल गर्म हो जाता है । जिससे वायु गर्म होकर फैल जाती है । वायु गर्म होने पर संवहन द्वारा ऊपर उठती है । तथा ऊपर जाकर फैल जाती है। पुनः ऊपर संघनन प्रारम्भ हो जाता है । साथ ही गुप्त ऊष्मा के कारण वायु ऊपर उठाने लगती है । संघनन क्रिया के फलस्वरूप कपासी बादल उत्पन्न हो जाते है जो गर्जन और चमक के साथ घनघोर वर्षा करती है । किन्तु बादल शीघ्र छट जाने से वर्षा जल्दी रुक जाती है । इस प्रकार की वर्षा भूमध्य रेखीय क्षेत्रो में होती है । जहाँ प्रतिदिन 2 से 3 बजे तक बारिश होती है संवाहनीय वर्षा मुख्य रूप से अमेजन बेसिन , कांगो बेसिन तथा दक्षिण – पूर्वी एशिया द्वीप समूह में होती है ।
2-चक्रवातीय वर्षा :- जब गर्म वायु और ठंडी वायु आपस में मिलती है, तो ठंडी वायु , गर्म वायु को ऊपर ढकेलती है गर्म वायु ऊपर जा कर ठंडी हो जाती है तथा घनीभूत होकर बरसात कर देती है । इस प्रकार की वर्षा को चक्रवातीय वर्षा कहते है । यह बारिश धीमी गति से होती है और अधिक समय तक होती है । अयन रेखाओ तथा अक्षांशो में चक्रवातीय वर्षा होती है । वाताग्री वर्षा या चक्रवातीय वर्षा मुख्य रूप से उत्तरी – पश्चिमी यूरोप , संयुक्त राज्य अमेरिका , कनाडा इत्यादि में होती है ।
3-पर्वतीय वर्षा :-
वर्षा किसे कहते है ? , वर्षा कितने प्रकार की होती है ?संवाहनीय वर्षा एवं चक्रवातीय वर्षा का अभी अध्ययन किया है। अब हम जाने कि किसी अवरुद्ध के कारण जो वर्षा होती है उसे पर्वतीय वर्षा कहते है । उष्ण वायु एवं आर्द्र वायु के मिलने से भाप का निर्माण होता है । भाप से भरी हवा के मार्ग जब कोई अवरुद्ध या पठार , पहाड़ पर्वत इत्यादि आ जाती है ,तो जल भरी पवन बाध्य होकर ऊपर उठाना पड़ता है । ऊपर उठाते समय पवन शीघ्र ठंडा होकर बारिश होती है । इस प्रकार वर्षा को पर्वतीय वर्षा कहते है । पर्वत का जो दाल पवनो के सामने पड़ता है वहा सबसे अधिक वर्षः होती है । जबकि पवन विमुखी ढालो पर ऐसी पवन निचे उतरती है तो शुष्क होकर वर्षा नहीं करती है इसे वृष्टि छाया प्रदेश कहते है ।
वर्षा की माप जिस यंत्र से की जाती है उस यंत्र को वर्षा मापी यंत्र (Rain gauge) कहते है । 24 घण्टे की वर्षा का माप गिलास द्वारा किया जाता है इसे सेंटीमीटर या इंच में प्रगट किया जाता है। 24 घण्टे की कुल वर्षा को दैनिक वर्षा कहते है । महीने की वर्षा को मासिक वर्षा कहते है पुरे साल की वर्षा को वार्षिक वर्षा कहते है ।
वर्षा को प्रभावित करने वाले कारक:-
ऊपर अध्ययन किया गया कि, वर्षा किसे कहते है ? और वर्षा कितने प्रकार कि होती है ? आगे वर्षा को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक है।
- तापमान
- स्थानीय दशाएं
- समुन्द्र से दुरी
- पर्वतों की स्थिति
- पवनो का रुख
- वनस्पतियों को आवरण
- भूमध्य रेखा से दुरी
तापमान:- तापमान द्वारा जल वाष्पीकरण होकर बारिश करता है उष्ण कटिबंधीय में शीतोष्ण की अपेक्षा अधिक पानी बरसता है । जहाँ अधिक वायुदाब होता है वहाँ बारिश कम होती है । जैसे – उष्ण मरुस्थलों में ।
स्थानीय दशाएं:- स्थानीय दशाएं भी वर्षा को प्रभावित करती है ।
समुन्द्र से दुरी :- समुन्द्री तटों पर अधिक बारिश होती है। क्योकि जलवाष्प अधिक तथा उष्ण वायु एवं आर्द्र वायु का मिलन अधिक होता है जिससे अधिक पानी बरसता है ।
पर्वतों की स्थिति:- भाप बनकर वायु ऊपर उठकर पर्वतो से टकराता है तो वर्षा अधिक होती है । वृष्टि छाया वाले क्षेत्र में वर्षा नहीं होती है
पवनो का रुख:-15 से 30 उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशो में व्यापारिक पवनो द्वारा वर्षा होती है । तथा 40 से 60 अक्षांशो के मध्य पछुआ पवनो द्वारा वर्षा होती है ।
वनस्पतियों को आवरण :- जहाँ वन अधिक होते है वहाँ वर्ष अधिक होती है
भूमध्य रेखा से दुरी :- भूमध्य रेखा से उत्तर एवं दक्षिण बढ़ने पर वर्षा कम होती है क्योकि वहाँ ठण्ड अधिक पड़ती है ।
संसार में वर्षा का वितरण:-
विश्व में वर्षा का वितरण क्षेत्रो के अनुसार चार भागो में विभाजित किया जा सकता है ।
- अधिक वर्षा वाले प्रदेश
- सामान्य वर्षा वाले प्रदेश
- कम वर्षा वाले प्रदेश
- वर्षा विहीन प्रदेश
अधिक वर्षा वाले प्रदेश- जहाँ 200 सेमी0 से अधिक वर्षा होती है उसे अधिक बारिश वाले प्रदेश कहते है । जैसे – भूमध्य रेखीय प्रदेश , मानसून प्रदेशो के तटीय भाग , शीतोष्ण कटिबंधीय में महाद्वीपी क्षेत्र इत्यादि ।
सामान्य वर्षा वाले प्रदेश– जिन क्षेत्रो में 80 से 200 सेमी0 बारिश होती है । इन क्षेत्र के अंतर्गत उष्ण कटिबंधीय प्रदेशो के तटीय बक्षेत्र तथा मध्यवर्ती पर्वत श्रेणियाँ के शिखर इत्यादि ।
कम वर्षा वाले प्रदेश – ऐसे क्षेत्र जहाँ 25 से 80 सेमी0 पानी पड़ता है । संसार में सबसे कम वर्षा वाले प्रदेश कहे जाते है। उष्ण कटिबंधीय के मध्य भाग एवं शीतोष्ण कटिबंधीय प्रदेश के आंतरिक पूर्वी क्षेत्र है ।
वर्षा विहीन प्रदेश – न्यूनतम वर्षा के कारण इन्हे वर्षा विहीन क्षेत्र खा जाता है । जहाँ 25 सेमी0se कम वर्षा होती है । जैसे – उष्ण मरुस्थलीय प्रदेश , ध्रुवीय क्षेत्र , वृष्टि छाया क्षेत्र आते है ।
परीक्षा दृष्टि प्रश्नोत्तर:-
प्रश्न 1- तड़ित झंझावत की उत्तपत्ति का आदर्श क्षेत्र कौन सा है ?
उत्तर – भूमध्य रेखीय प्रदेश
प्रश्न 2- संसार की सर्वाधिक वर्षा किस रूप में प्राप्त होती है ?
उत्तर – पर्वतीय वर्षा
प्रश्न 3- भारत में पश्चिम विक्षोभ से किस प्रकार वर्षा है ?
उत्तर – चक्रवाती वर्षा
प्रश्न 4- संसार में सबसे अधिक वर्षा कहा होती है?
उत्तर – भारत के मासिनराम , मेघालय में
प्रश्न 5 – संसार में सबसे कम वर्षा कहा होती है?
उत्तर – उष्ण मरुस्थल में
प्रश्न 6– विषुवत रेखीय क्षेत्र के वायुमंडल में संघनन के बाद किस प्रकार मेघ का निर्माण होता है ?
उत्तर – कपासी बादल
प्रश्न 7- प्रत्येक वर्ष झंझावत के कितने दिन होते है ?
उत्तर –75 से 150 दिन
प्रश्न 8 – विषवत वृत्त के किस अक्षांशो के मध्य वर्षा अधिक होती है ?
उत्तर – 35 से 40 उत्तर एवं दक्षिण अक्षांशो
प्रश्न 9- वर्षा किस यंत्र से मापी जाती है?
उत्तर – Rain gauge
प्रश्न 10 – वायुमंडल की आपेक्षित आर्द्रता मापी जाती है ?
उत्तर – हाइग्रोमीटर
निष्कर्ष :-
आज इस Article में वर्षा किसे कहते है ? एवं वर्षा कितने प्रकार की होती है ? तथा उनके विषय में विस्तार से अध्ययन किया गया है । जिससे धरतल पर होने वाली वर्षा के विभिन्न क्षेत्रो का ज्ञान हो सके। तथा बारिश होने के पूर्व अपनी दैनिक क्रियाओ को पूरा कर सके । जो विभिन्न परीक्षाओ के लिये उपयोगी है आपको मेरा Article अच्छा लगा तो Like और Share करे।
धन्यवाद
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